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Showing posts from April 20, 2015

कोई

जाने क्या ये सोच कर वो है बस मेरी मंज़िल   तकदीर बनकर नज़र आता है वो फ़िर  कोई थोड़े गम और सुख उस में रोज़ यू ही देकर    चाहने वाला चला आता है हर बार जाने कोई  हम तो मरते रहे है तन्हा इसी ख़ामोशी से ज़िंदा हूँ याद दिलाता है जाने हर बार कोई दिया जलता है रात भर खामोशियों में कोई आंधियों ने कसर ना छोड़ी इस  बार कोई कॉपी राइट @आराधना राय

मीत

मेरे मीत आवाज़ तू  देता है  ख़्वाब कि बात नहीं कहता है  सपनें से आँखों में टूट जाते है  किर्चियाँ चुभ कर रह जाती है  अश्क़ के साथ लहू मिलता है  दिल तो मोम सा पिधलता है  सपनों के साथ भी मिलता है  वक़्त जाने कैसे ये गुज़रता  है  तुम  से अहसास का रिश्ता है  ये थो दिल कि दिल से बात है   कॉपी राइट @आराधना राय 

अब पाऊँगी

साभार गुगल इमेज़ चाहू तुम्हे तो भी भूल ना  पाऊँगी दिल की आवाज़ बन तुम्हें पाऊँगी। यू ही कभी करार नहीं अब पाऊँगी चाँदनी रातें क्या भूल अब जाऊँगी दिल के धड़कने का राज़ कह पाऊँगी अब तुम को क्या भूल  नहीं   पाऊँगी धीरे से तेरा अहसास बन के आऊँगी अपनी तक़दीर में तुझे ही बसाऊँगी कॉपी राइट@आराधना राय