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Showing posts from February 1, 2016

फासले हुए है

साभार गुगल मेरे नाम दिन के उजाले हुए है अंधेरों को हम क्यों पाले हुए है किन मज़बूरियों में ढाले हुए है हालत तंग दिल में छाले हुए है ख्वाब क्यों हमने पाले हुए है हसरतों कि ख्वाहिशें वाले हुए है बिना बात दिल में जाले हुए है किन महफिलों के हवालें हुए है लगी बात दिल पे मतवाले हुए है इंसानों में अजब "अरु" फासले हुए है आराधना राय "अरु"   ©