Skip to main content

Posts

Showing posts from August 15, 2014

जन्म अन्तिम भाग

 जन्म  शालिनी नाम का डर , उस की ज़िन्दगी से निकल चूका था वो अपने आप को ये कब का समझा चूका था ,बस एक चुभन थी , जो किसी चीज़ को न पा कर होती है। दूर से बैसे भी हर लड़की शालिनी जैसी ही लगती ,पर उस हादसे में वो बची भी होगी तो कैसी ? गगन की हंसी उसे अब भी सुनाई पड़ रही थी ,.   अगले दिन शिशिर छुट्टी के मूड़  में उठा , रात  की बात  और अपनी सोच पर उसे हँसी  आ  रही थी । रोज़ी , लता ,चारु ,कविता औरो के तो नाम भी याद नहीं  कितनी आई और जाएगी , आज नलिनी  से मिलने  का टाइम फिक्स है फिर और बातो के लिए उस के पास टाईम  नहीं, 35 कोई उम है शादी कर ने की ।  अभी भी उसे लोग 25 का समझते है , फिर शादी करके एक के साथ बंधे रहो , अनिरुद्ध नहीं हुँ भाईसाब जैसा , ऑफिस में  लड़किया खुसपुसती है सर की शादी हो गई ..  अपनी एक कलम के वार से किसी की भी  रिपोर्ट  अच्छी.....................  या  ख़राब   कर सकता था। अनिरुद्ध ने एक  दिन कहा था। ..   'तेरी भी शादी हो गई होती तो , ये पार्ट टाइम लवर्स जो तेरी है न , उन्हों ने तेरी नैया डूबो दी होती " "उनको अच्छी रिपोट चाहिए ,बेटा और मुझे&q