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Showing posts from August 4, 2014

जन्म

जन्म  कहते है दुनिया बहुत छोटी है ,पर फ़िर भी बिछड़े हुए, जब नहीं मिल  पाते ,तब हम अपनी तकदीर को कोसते है । छोटी लगने वाली दुनिया  अचानक  बड़ी सी लगती है. पर शिशिर जिसे पन्द्रह (15 ) सालों से तलाश  रहा था , उसके अचानक मिलने से वो सकपका क्यों गया ?  ग्लानि , खेद  ,क्षोभ से भर उठा ।  ना चाह कर भी, वही बाते उसके दिमाग मे शोर सा  मचा रही थी,   जिन्हें वो भूल जाना चाहता था ।  कई बार जिन्हें ढूढ़ने के  लिए हम बेताब रहते हैं,  जो हमारी ज़िन्दगी की  तरह होते है,एक न एक  दिन ना मिल पाने की ना उम्मीदी  और वक़्त के  साथ आई दूरियों में कही   उनकी यादें धूमिल हो जाती है ,पर अचानक जो हुआ उस के लिए शिशिर  तैयार नहीं था ?  जो उसे दिखाई दिया , उस से वह कभी भी मिलना नहीं चाहता था , उसे हर शहर -शहर इस लिए नहीं ढूढा  की वो उस से प्यार करता था बल्कि वह  कुछ सुनिचित करना चाहता था, वो सच जो  आज  उसका डर बन गया था ।  वो समझ ही नहीं पा रहा था ,जो उसके सामने था वो सच है या उस का भर्म पेपर हाथ से छूट कर ज़मीन पर बिखर गए ,आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा मानो  दिमाग ने सोचना बंद कर दिया हो ।  पी. के. ने उस