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Showing posts from August 5, 2014

जन्म (भाग -2 )

अपनी सोच  में ध्यान  ही नहीं रहा की चाय हो गई है , आराम से बैठ  कर  चाय पियूँगा और कल छुट्टी का फायदा उठा कर नलिनी से मिलूंगा ,वह  मन ही मन कार्यक्रम बना रहा था ।  "सिळि गर्ल, सोचती है मैं उस के प्यार मे हुँ । प्यार तो मैंने शलिनी को  भी नहीं किया था , वक़्ती ख़ुमार था उतर गया "।  ये क्या, मैं फिर से........ उसने अपना सर झटका जैसे सर के झटकने से उसकी सोच भी दिमाग से चली जाएगी । उफ़ , उस के मुँह से निकला , वह अब बेचैन हो उठा । चाय का प्याला एक तरफ रख कर वह कमरे में  चहल- कदमी करने लगा ।  ........................क्रमश। …। अब आगे    गतांक से आगे -------------------------------                                 जन्म (भाग -2 ) पंद्रह सालो में ज़माना बदल गया , लोग बदल गए पर उसका डर नहीं  बदला । हालांकि जब उसे सब से  ज़्यादा नुक़सान जब हो सकता था ,तब  वो बचा लिया गया , शहर कोई भी हो सिक्को  की खनक हर जगह काम  आती है । कमरे  में टहलते हुए ,अतीत की परछाइयों में घिर गया ।  शलिनी मेरे मोहल्ले की सबसे सुन्दर लड़कियों मे एक थी।  मैं मनचला तो नहीं था पर , उस उम्र में दो