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Showing posts from September 24, 2015

आये है

भ्रम है उन्हें की वो खुदा बन कर आये है कर्म कर ना सके जो कर्मवीर बन आये है लगा के आग दामन में अब बचाने आये है सुना के राज़ दिल का  दिल लगाने आये है दुनियाँ -ए- दीन की खबर हमको देने आये है लूटा के आशियाँ दिल का अपना बनाने आये है देखती है आँखे ख़ामोशी से रात को जो ख़्वाब खुदा के नाम पे " अरु " को सताने फिर आये है आराधना राय "अरु"