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Showing posts from October 22, 2016

नज्म याद आता है

साभार गुगल सुबह होते ही तू याद आता है ए जालिम तू कितना सताता है ना मिला वो कोई रंज नहीं उसका दुख रह रह के बताता है यूँ तो मेरा वो लगता कोई नहीं  उसका मेरा सदियों का नाता है ना मिला वो कोई रंज नहीं उसका दुख रह रह के बताता है आराधना राय