साभार गूगल उम्र शिकवे शिकायत में गुज़री बात कहते सारी रात ही गुज़री कौन आग लगता रहा पानी में सहर तो यूँ दामन बचाते गुज़री ग़ुम गए वो सारे ख़्यालात कही जिनको ढूँढ़ते ये ज़िन्दगी गुज़री दुनियाँ तेरे बाजार में सौदाई सही आब आँखों में लिए राह ये गुज़री ये आँसू भी ग़वारा ना हुए ना सही लबों पे हँसी भी 'अरु ' जां से गुज़री आराधना राय 'अरु ' عمر شکوے شکایت میں گزری بات کہتے ساری رات ہو گزری کون آگ لگتا رہا پانی می...
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.