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Showing posts from September 29, 2015

ख़्वाहिशें

उन से मिलने की ख़्वाहिशें हज़ार की दिल ने मिल कर साज़िशें हज़ार की ना जाने कारवां किधर जा रहा था सबने आरइशे हज़ार की अपनी ही मस्ती में सब डूबे हुए थे बस्तियों में रिहाइशें हज़ार की साथी अजब से राह में मिल रहे थे सबने सिफारिशें हज़ार की सफर रास्तों के ना आसान होंगे कहने को "अरु" ख़्वाहिशें हज़ार की آرادنا رائے ار