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Showing posts from April 8, 2015

दोस्त

साभार गुगल इमेज तेरी बातें भी लगे मुझे अपनों सी दोस्त तुम हो वहीं मेरे सपनों सी बोली भी लगे मुझे तेरी कोयल सी लगती हो तुम भी मेरी हमजोली सी तेरी बातें लगे पुराण कभी कुरान सी तू अपने कर्मों में रहे यू आफ़ताब  सी आराधना  *  कविता सिर्फ तुम्हारे लिए

फ़ना

साभार गुगल इमेज काँटे बो कर लोग ख़फा होते है काग़ज़ पर अश्क फ़ना होते है किसी के दिल पर क्या गुज़री क्यों   दिल के तार जुदा होते है हमें तो आया नहीं मनाना कभी मलाल है के जुदा हुआ ज़माना भी आराधना