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Showing posts from July 5, 2015

बातें

                           बातें बात लफ़्ज़ों में हो गई होती जो ये दूनियाँ भी संभल गई होती दिल कि बातें रूह से रूह कि हुई  दुनियाँ थी यहाँ ही रही होती बेशर्म कि बेशर्मी ही यू रही पूरी दुनियाँ गर ये परेशान रही होती बहाने बना कर चले आते है वो चोट ख़ुद को लगा लाए तो  होते वो हँसे तो दुआ सी लगे आँख के आँसू भी बददुआ हो गई होते     ख़तावार को सज़ा दे ऐसी जिसकी माफ़ी कहीं नही यू ही होती तू फसाना थी तो बहाने कि तरह वो भी तो कहीं से आया होता तेरे गम कि छाँव में भी  "अरु"  वो ही रह गया ना कहीं यू होता  आराधना राय copyright :  Rai Aradhana   ©

दामन

दिल ये अहसास के बंधन को ज़िया जाता है बस तेरे इश्क़ में बदनाम हुआ ये ही जाता है चोट लगे तो यू कभी भी रोकर ये सो  जाता है तेरे दामन में सिमट कर तुझ से बता जाता है दिल के दर्द का तुझ को यू ये पता बता  देता है रख के कंधों पे सर आँसू भी बहा यू ही ये देता है तेरी बात तुझ से कर ख़ुद हालात पे  रो ही देता है साया गुमनाम सा "अरु " का ही तो पता दे देता है आराधना राय copyright :  Rai Aradhana   ©