साभार गुगल आज रंज ओ गम का रंग जाता नहीं मय -ओ मीना का समा भाता नहीं मैंने दुनियाँ का चलन सीखा नहीं बढ़ कर मेरा हाथ उसने थामा नहीं हमसफर कब तू मेरे साथ साथ था या गम ए दिल ने तुझे पहचाना नहीं कल तलक सफर में थे मेरे आस पास आज कोई आवाज़ दे कर बुलाता नहीं आराधना राय अरु
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.