साभार गुगल नज़्म जिंदगी मेरी ग़ज़ल हुई तुझसे बिछडने के बाद रात कि मेरे सहर न हुई चाँद निकलने के बाद दिल ने सिर्फ तेरी सुनी अश्क बार होने के बाद मर्ज़ मेरा लाइलाज रहा दिले- बर्बाद होने के बाद आँच दिल को जलाती रही दीप की लो बन जाने के बाद जिंदगी मुझे म्यसर ना हुई तिरे चले जाने के बाद सुनी अनसुनी सब रह गई "अरु" शबे जिंदगी चले के बाद आराधना राय "अरु"
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.