चैत की चितवन निराली भोर की लालिमा न्यारी प्रीत की नई रीत लेकर होली आई , होली आई फुहार छोड़ेगी पिचारियाँ रंगो की भरमार यू छाई चैत का चेता छिड़ा है फागुन तेरे जाने के बाद होली आई ,रे होली आई सहर्ष मन को भरमाई रे copyright : Rai Aradhana ©
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