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Showing posts from August 2, 2015

ख्याल

                                      ख्याल ---------------------------------------------------------------------- आज कल लोग बिना बात ही यू  बदनाम करते है उसूलन हम भी उन्हें ही तो जा कर सलाम करते है ये और बात है लोग इश्क़ कि  बात यू ही करते है बिना बात के वो ही बस हर बार सवालात करते है है बहुत मुश्किल उनको ही यू भी ये अब  समझाना जो किसी के दिल का भी अब ख्याल ही नहीं रखते है हमें  गम हो के ना हो अब यू ही हम दरकार रखते है पशेमां क्यू हो उन से "अरु" समझ बरक़रार रखते है आराधना राय

सखी मित्र

             सखी ,मित्र -------------------------------------  सुधियों के आँगन में मुस्कुराता है  गीत सा कोई यू ही गुनगुनाता है  उर में जो वह बसा कब का  हुआ है मेरे संग ही तो वह प्रतिपल रहा  है सखी तुम्हारी स्मृति सा वह यू तो है प्रेम तुम्हारा उसमें ही अब साकार है स्वपन का कोई वो नया सा आकाश है ना जाने किस रीत का वह ही आधार है प्रणय -सिंधु सा है वो ही अचल हुआ है प्रीत कि धरोहर हिय में ही सजल हुआ है मित्रता के क्षितिज पे वह हर्षित हुआ है "अरु "नयनों में वो ही तो छाया हुआ है आराधना राय  Rai Aradhana ©