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Showing posts from March 29, 2015

हर लड़की

साभार गूगल इमेज सड़क पर चलती हर लड़की कहीं भी दिखी आदमी को मांस  का टुकड़ा  भर ही लगी देखा जिसने भी सिर्फ लड़की तुझे बस एक जिस्म   सा देखा औरत तू महज़ एक  खिलौना है तेरी सोच भी कुछ  तो रही होगी भागती भीड़ में कहीं तू भी यही दुःख के अहसास में भरी होगी काश जान पाता  हर कोई जिस्म से अलग  तू कोई जान  होगी एक ,मरियम सी सीता , सी  या रेहाना  सी किसी कि नज़रें क्यों हो वहशहना सी @ कॉपी राइट आराधना

गुलसिताँ

बुलबुले चहकती थी इसी बाग़ में गुलसिताँ जब महकने  ही लगा रूप, गंघ,रस के सुखी इस संसार में क्यू भागती दौड़ती थी ये  तितलियाँ प्रेम , प्रीत और नेह से थीजब पल्वित कुसुमित सदा नव हार से सुरभित सभी देखती है स्वप्न सुन्दर अब भी देखो  कहीं @कॉपी राइट आराधना