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Showing posts from March 4, 2015

मन

 बीती बाते मन ही मन शोर मचाएगी साँझ  बिरहन जब गुमसुम आ जाएगी मन का खाली  कोना खाली न रह पायेगा नयनों के कोरो से छ्लक- छ्लक आ  जाएगा। होली के रंग भी मन को ना रंग ये जब पायेगे लाल ,गुलाबी, नीले,पीले,बादल बहुत रुलायेंगे दोनों बाहें ,फैला कर ,घर आँगन तुझे बुलायेंगे दूर देश में रहने वाले ,लौट के घर जब ना जायेगे। सतरंगे सपनों कि माला हरपल तुझे  लुभायगी हरी चूड़ियों के हिलने पर याद तुम्हारी आएगी कोई घर में नीर बहा कर रात को ना  सो पायेगा सन्नाटे ही सन्नाटे में मन कुछ भूल ना पायेगा मन की बातें मन ही जाने ,कोई भी समझ न पायेगा गया समय जब हाथ दिखा कर दूर कहीं छुप जायेगा। copyright : Rai Aradhana © आराधना -----------------------------------------------------------------------------------------------------------

होली

आज होली ना खेलेंगे तुम संग गुलाल अबीर सोहे ना अब  रंग आज मारो ना मोहे यू  पिचकारी नैनों से भीगी है मोरी पूरी साडी कोई भाए ना मोहे अब  बृज में रंग फीके सभी , इन के संग में कहा श्याम छिपे , हो  कुंज में मैं ढुढ़ू तुम्हें , सब गलियन में मैंने प्रीत की रीत जो निभाई अंसुअन की माला भी पहनाई अब श्यामा ही डालेंगे रंग ये जो ना छूटे कभी ऐसा संग ये  होली की शुभ कामनाओं के साथ आराधना copyright : Rai Aradhana ©