Skip to main content

Posts

Showing posts from December 22, 2015

एहसास

दिल के एहसास को ज़िया जाता है मुस्कुरा के हर दर्द पिया जाता है ---------------------------------------------------------------------------------  इश्क़ में बदनाम हुआ जाता है  रिश्ता  दिल से निभाया जाता है -------------------------------------------------------------------------------- चोट लगने पे रोकर सो जाता है मासूम दिल जब सताया जाता है --------------------------------------------------------------------------------  दामन में सिमट कर  बता जाता है मेरा अक्स मुझ से  छिपाया जाता है ------------------------------------------------------------------------------- दिल के दर्द का पता बता  जाता है चाँद कि चाँदनी में समाया जाता है ----------------------------------------------------------------------------------  कान्धों पे सर रख अश्क बहा जाता है  ज़िन्दगी तुझ से क्या बताया जाता है ----------------------------------------------------------------------------------------  बात कर ख़ुद हालात पर रो जाता है   इल्ज़ाम  "अरु " पर लगाया जाता है आराधना राय "अरु"

मन की भूमि

मन की भूमि ------------------------------ उपज रहा मन की भूमि पे विप्लव अंकुर का ही धान किस पे बाड़ लगा रोकोगे कैसे बचा पाओगे सम्मान ----------------------------------------- भूखा पेट राम ना क्या जाने रवि और रंजन की बात यहाँ कोडी और छदाम क्या जाने अश्रू बहे, तन का लहू बहे यहाँ -------------------------------------------------- नारी की लज़्ज़ा की बात कहूँ माँ के उधड़े तन को देख कर कौन सा मनुज है जो ये कहे तेरा मुझसे क्या नाता है कहूँ ------------------------------------------------------ बाँझ रहे मन क्या किस से कहे बोझ बेमानी क्यों स्वयं पे धरे तरु उखड़ते भू पर क्या गिरे झंझावातों से जो प्रतिदिन लड़े आराधना राय "अरु"