Skip to main content

Posts

Showing posts from April 30, 2015

माँ का दुलारा

साभार गुगल इमेज़  तुम आये ज़िन्दगी में कैसा दुलार बन के आँसू छलक रहे थे मन का करार बन के  तुम भोर का सितारा जगमगए बन के  गोदी में था दुलारा पलाश सा तू  दमके   तू मुस्कुराया, झिलमिलाये तार मन के  लगा ज़िन्दगी आई एक बार फिर चल के    तेरे लिए सहे है ज़ोर, ज़ब्र,हर पल सब के  फिर क्यों उदास है तू माँ के साथ हँस दे  आराधना राय