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Showing posts from April 16, 2015

मीत

    मीत    तू फिर लिख नए गीत जो मन बसे लोगों कि पीड़ ना हो तेरी ना हो मेरी बनाओ एक  सुन्दर फिर तस्वीर बीते जमाने भूल भी तुम जाओ लिखों नई तुम फिर तकदीर बन के नए तुम मीत आराधना

प्रेम की साथी

साभार गुगल इमेज़  प्रेम की  साथी  दीये कि बाती  जल कर देती   तू  उजियाला   मन के अंधियारे से निकला पुँज नव  जीवन की जग मगाई ज्योति आराधना   दीप की ज्वाला  मोती कि माला