ज़िन्दगी से कोई गिला न हुआ उससे मेरा सिल-सिला न हुआ मेरा हमदम ,हमसफर न हुआ उससे मेरा सिल-सिला न हुआ मेरा हमदम ,हमसफर न हुआ उससे मिलना मेरा मिलना न हुआ हम रहे पास या तुझ से दूर " अरु" मुस्कुरा दे तेरे बिन हम से न हुआ आराधना राय "अरु"
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.