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Showing posts from September 23, 2016

किस्मत

आभार गुगल अधेरे स्याह थे उस दिन सितारों को किसी ने आजमाया था किस्मत की बाज़ी पे  कोई गोटी सही नहीं थी उस दिन वो ख़ाली हाथ घर आया था कहने - सुनने वाले लाखो थे जो उसे बचाता वो सितारा ना था ना उम्मीद सा वो अकेला शक्स नहीं था शमा को जला रोशनी  करे यही उसकी फितरत में कभी नहीं था टूट कर मजबूर हो रो दे उसे मंजूर नहीं था दो निवालो के लिए बिक जाए फिर ना किसी को वो नज़र आए लाख चाहा मगर उसका दिल माना नहीं था आराधना राय अरु