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Showing posts from March 8, 2015

लेके चले

                 बहुत दूर ठिकाना था उसका लेकिन संग  कौन सा ज़हान हम ले के चले  बदस्तूर ही जारी है ये  रवायत  उसकी  पहुँच कर ही जानेंगे शिकायत उसकी   करेंगे तेरा ये क्या जो बहे अश्क ''अरू ''   चुभन रह जाएगी बाकी एक बन के सदा आराधना                                                                     copyright : Rai Aradhana ©

क्या बात हुई

गम  की बरसात हर शब -ए  रात हुई , तेरे जाने के बाद  बस यही ये बात हुई. ये आज़माइश थी जो मेरे ही साथ रही मुद्दतों तक चाँद तारो तुमसे ही बात हुई कहने से अगर होता तो हम भी कह देते तेरी आहटों से दिल की ज़मीं आबाद हुई  वही दुनियाँ वही है हम वही यादे चमन है दीवारें पूछती है सरे शाम से क्या बात हुई copyright : Rai Aradhana © आराधना

निज का मान कर

निज पर तू ही मान कर औरस का सम्मान कर। ना स्वयं पर अभिमान कर  ना स्वयं का  अपमान  कर। वीरता से  धीरता का शौर्य का  एक नया तू भी इतिहास रच। तुझ में बल है सबल हो तुम प्रबलता का तू ये दान  कर। कोई बुझा दीपक जला कर तू किसी तम से फिर लड़। उद्धार कर, अपना तू नारी स्वयम को साकार तू  कर   copyright : Rai Aradhana ©

स्त्री ही स्त्री को नहीं जानती

अपने आप को क्यू नहीं जानती जंग किससे लड़े क्यू नहीं जानती दुःख भंजनी ,क्यों  दुःख को  ना हरे अपने दुखों को ही नहीं क्या जानती विवाह वेदी अंतिम चिता नहीं बनती गर हर सास माँ भी बनना जानती कोई बुढ़ापा गलियों नहीं सिसकता गर बहु भी कुछ बेटी बनना  जानती दुहाई  कानूनों को सिर्फ क्यू देती हो स्वयं को जागृत करना नहीं जानती लज़्ज़ा से सिर झुकायें स्त्री खड़ी हो  लाज किसी की ढकना नहीं  जानती पत्थर जब मारता ये  पुरुष समाज है साथ मिल कर तुम ताने नहीं मारती स्त्री ही स्त्री को क्यों फिर नहीं जानती अपनी श्रेष्ठता स्वयम नहीं पहचानती आराधना copyright : Rai Aradhana ©

ज़िंदगी

ज़िंदगी गर सवाल है जबाब तो ढूंढ दीजिए। आईना बन के खड़ी है निहार तो इसे लीजिये। जब ये मन खो रहा हो नई बात कोई भी ढूँढिये। प्रश्न ना बने ये जीवन उत्तर तो कोई दीजिये। आराधना copyright : Rai Aradhana ©