साभार गुगल फूलों से सुना नग्मा प्यार का हाल सुनाया सबा ने इज़हार का --------------------------------------------------------------------------------- लम्हा दर लम्हा गुज़रा तूफान का दिलों के बीच रिश्ता क्या इकरार का --------------------------------------------------------------------------------- शज़र पे बरसा आफताब आग का कितना तवील था मौसम इंतजार का --------------------------------------------------------------------------------- सफर सुहाना रहा घटा से मेहताब का कली ने सीखा तराना दिल के क़रार का --------------------------------------------------------------------------------- जलता रहा दिया मेरी टूटी दीवार का रात भर अश्क बहा उसके इंकार का --------------------------------------------------------------------------------- खिज़ा ने किया है रुख ठंडी हवाओं का नीद में चुनते रहे ख्वाब इसरार का --------------------------------------------------------------------------------- वो बनाता रहा बहाना इक्लाक़ का रास ना आया "अरु" मौसम खार का आराधना राय "अरु"
मेरी कथाओं के संसार में आप का स्वागत है। लेखिका द्वारा स्वरचित कविताएँ है इन के साथ छेड़खानी दंडनीय अपराध माना जाएगा । This is a original work of author copy of work will be punishable offense.