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ख्वाब आवाज़ देगाخواب آواز دے گانظم

नज़्म

कोई ख्वाब आवाज़ देगा
बुलालेगा ,बैठा लेगा हमे

आहटें ,खोलेगी दरवाज़ा
खामोशियाँ  फिर बातें करे

 गुफ़्तगू यूही चलती रहेगी
बादलों, हवा ,रुखसार की

ज़िन्दगानी बहती रहेगी
बात -बेबात   ,बेबाक़ सी

महफिले ये सजती रहेंगी
साज भी ये  बजते रहेगें

ख्वाब ये   फिर से  सजेंगे
चूड़ियों कि खनहनाहट से

आहटे खोलेंगी ये दरवाज़ा
ख्वाब जब ले आएगा  कोई
copyright : Rai Aradhana ©
आराधना

                                                                                                  کوئی خواب آواز دے گا
بلالےگا، بیٹھا لے گا ہمیں

اهٹے، كھولےگي دروازہ
كھاموشيا پھر باتیں کرے

  گفتگو يوهي چلتی رہے گی
بادلوں، ہوا، ركھسار کی

ذندگاني بہتی رہے گی
بات -بےبات، بےباق سی

مهپھلے یہ سجتي رہیں گی
ساز بھی یہ بجتے رہیں گے

خواب یہ پھر سے سجےگے
چوڑيو کہ كھنهناهٹ سے

اهٹے كھولےگي یہ دروازہ
خواب جب لے آئے گا کوئیانا ''
ارادھنا









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गीत---- नज़्म

आपकी बातों में जीने का सहारा है राब्ता बातों का हुआ अब दुबारा है अश्क ढले नगमों में किसे गवारा है चाँद तिरे मिलने से रूप को संवारा है आईना बता खुद से कौन सा इशारा है मस्त बहे झोकों में हसीन सा नजारा है अश्कबार आँखों में कौंध रहा शरारा है सिमटी हुई रातों में किसने अब पुकारा है आराधना राय "अरु"
आज़ाद नज़्म पेड़ कब मेरा साया बन सके धुप के धर मुझे  विरासत  में मिले आफताब पाने की चाहत में नजाने  कितने ज़ख्म मिले एक तू गर नहीं  होता फर्क किस्मत में भला क्या होता मेरे हिस्से में आँसू थे लिखे तेरे हिस्से में मेहताब मिले एक लिबास डाल के बरसो चले एक दर्द ओढ़ ना जाने कैसे जिए ना दिल होता तो दर्द भी ना होता एक कज़ा लेके हम चलते चले ----- आराधना  राय कज़ा ---- सज़ा -- आफताब -- सूरज ---मेहताब --- चाँद

गीत हूँ।

न मैं मनमीत न जग की रीत ना तेरी प्रीत बता फिर कौन हूँ घटा घनघोर मचाये शोर  मन का मोर नाचे सब ओर बता फिर कौन हूँ मैं धरणी धीर भूमि का गीत अम्बर की मीत अदिति का मान  हूँ आराधना