नज़्म
कोई ख्वाब आवाज़ देगा
बुलालेगा ,बैठा लेगा हमे
आहटें ,खोलेगी दरवाज़ा
खामोशियाँ फिर बातें करे
गुफ़्तगू यूही चलती रहेगी
बादलों, हवा ,रुखसार की
ज़िन्दगानी बहती रहेगी
बात -बेबात ,बेबाक़ सी
महफिले ये सजती रहेंगी
साज भी ये बजते रहेगें
ख्वाब ये फिर से सजेंगे
चूड़ियों कि खनहनाहट से
आहटे खोलेंगी ये दरवाज़ा
ख्वाब जब ले आएगा कोई
आराधना
कोई ख्वाब आवाज़ देगा
बुलालेगा ,बैठा लेगा हमे
आहटें ,खोलेगी दरवाज़ा
खामोशियाँ फिर बातें करे
गुफ़्तगू यूही चलती रहेगी
बादलों, हवा ,रुखसार की
ज़िन्दगानी बहती रहेगी
बात -बेबात ,बेबाक़ सी
महफिले ये सजती रहेंगी
साज भी ये बजते रहेगें
ख्वाब ये फिर से सजेंगे
चूड़ियों कि खनहनाहट से
आहटे खोलेंगी ये दरवाज़ा
ख्वाब जब ले आएगा कोई
کوئی خواب آواز دے گا
بلالےگا، بیٹھا لے گا ہمیں
اهٹے، كھولےگي دروازہ
كھاموشيا پھر باتیں کرے
گفتگو يوهي چلتی رہے گی
بادلوں، ہوا، ركھسار کی
ذندگاني بہتی رہے گی
بات -بےبات، بےباق سی
مهپھلے یہ سجتي رہیں گی
ساز بھی یہ بجتے رہیں گے
خواب یہ پھر سے سجےگے
چوڑيو کہ كھنهناهٹ سے
اهٹے كھولےگي یہ دروازہ
خواب جب لے آئے گا کوئیانا ''
ارادھنا
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