साभार गुगल
बीता लम्हा था क्यों याद करे
किससे जीने कि फरियाद करें
गम मिला जिन्हें उम्र भर मिला
घर उनका खुशियों से शाद करें
दर्द ए दिल का आज मातम करें
कल नए सपनों को हम साद करें
उठे हो हाथ दुआ के लिए गर तिरे
बद्ददुआ दे कर ना कोई बरबाद करें
आराधना राय "अरु"
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