कहे क्या वो आज़माने आये है
खुद का जी बहलाने आये है
खुद का जी बहलाने आये है
कहाँ से रंज इतना संग लाये है
बिन पिये ही वो लडखडाये है
बिन पिये ही वो लडखडाये है
किसी सोच से वो टकरा आये है
इक मुद्दत के बाद वो मुस्कुराये है
इक मुद्दत के बाद वो मुस्कुराये है
खुदी का सौदा जब कर आए है
कहे क्या किस बात पर पछताये है
कहे क्या किस बात पर पछताये है
वक़्त की चाल देख आए है
आईने से आज क्यों वो घबराये है
आईने से आज क्यों वो घबराये है
बड़े नाज़ से वो समझाने आए है
लगा जैसे वो हमारे "अरु "हमसाये है
आराधना राय "अरु"
लगा जैसे वो हमारे "अरु "हमसाये है
आराधना राय "अरु"
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