नज़ारे बदल गए
किस्मत के सितारें बदल गए
किस्मत के सितारें बदल गए
कितने चाहने वाले बदल गए
जिंदगी के हाथों वक्त के धारें बदल गए
जिंदगी के हाथों वक्त के धारें बदल गए
बंटवारें में घर मिरा लूट लोग निकल गए
आसबाब के साथ घर के लोग बदल गए
आसबाब के साथ घर के लोग बदल गए
चाहत के तूफान उठे दिल में
देख दरिया के साहिल भी बदल गए
देख दरिया के साहिल भी बदल गए
रो -रो कर मुझे बुलाने वाले
मेरी मईयत उठा कर बदल गए
मेरी मईयत उठा कर बदल गए
बस्ती दर्द और गम की क्या होती
रोतों पे "अरु" मुस्कुरा कर लोग बदल गए
©आराधना राय "अरु"
रोतों पे "अरु" मुस्कुरा कर लोग बदल गए
©आराधना राय "अरु"
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