माँ
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ज़िन्दगी तुझ से बिछडी कब मिली
रात के बाद सहर -सहर सी ही मिली
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ज़िन्दगी तुझ से बिछडी कब मिली
रात के बाद सहर -सहर सी ही मिली
जीने के लिए उम्मींद- ए- जहां मिली
तेरे इंतज़ार में रात नम उदास मिली
तेरे इंतज़ार में रात नम उदास मिली
आप से हौसला अजब पा रोशनी मिली
हमने खुद को ही आज़माया बेखुदी मिली
हमने खुद को ही आज़माया बेखुदी मिली
ज़िन्दगी से अज़ब जागीर ईमान बन मिली
नींद जब भी मिली हमें पत्थरों पे ही मिली
नींद जब भी मिली हमें पत्थरों पे ही मिली
तुझ से बिछड़ कर माँ क्या ज़िन्दगी मिली
ज़न्नत सी ख्वाहिशे तुझ से हज़ार मिली
ज़न्नत सी ख्वाहिशे तुझ से हज़ार मिली
रात में सिलती रही मेरा लिबास उम्मीद मिली
हर ख़ुशी बेलोस सी माँ तुझ से हर घड़ी मिली
हर ख़ुशी बेलोस सी माँ तुझ से हर घड़ी मिली
आराधना राय "अरु"
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