उम्मीदों के उज़ाले में वो हर दिन मिलता है
बड़ी देर तक वो यूँ ही तेरे चेहरे को तकता है
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बात करती है निगाहें भी तुम्हारी
जब तेरी तस्वीर ख़ामोश होती है
खुद को भूल जाऊँ मुमकिन ये है
अब तुझ को भूलाना मुश्किल है
तेरी वफाओं का सिला क्या दूँगी
ख़्वाब टूटने का सिला क्या दूँगी
तुम ख़ुदा से चले आये ज़िंदगी में मेरी
तेरे सज़दे खड़ी हुँ अब भला क्या दूँगी
हज़ारों चराग ये जल उठे महफ़िल में तेरी
तेरी कही हर बात क़यामत ढाती रही यूँ ही
बड़ी देर तक वो यूँ ही तेरे चेहरे को तकता है
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बात करती है निगाहें भी तुम्हारी
जब तेरी तस्वीर ख़ामोश होती है
खुद को भूल जाऊँ मुमकिन ये है
अब तुझ को भूलाना मुश्किल है
तेरी वफाओं का सिला क्या दूँगी
ख़्वाब टूटने का सिला क्या दूँगी
तुम ख़ुदा से चले आये ज़िंदगी में मेरी
तेरे सज़दे खड़ी हुँ अब भला क्या दूँगी
हज़ारों चराग ये जल उठे महफ़िल में तेरी
तेरी कही हर बात क़यामत ढाती रही यूँ ही
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