उम्र का दरिया कैसे निगल गया कोई
पास से इतने कैसे निकल गया कोई
प्यास सहरा ने ना कोई देखी होगी
पूरे वज़ूद को कैसे निगल गया कोई
तबाही अब न छू पायेगी दामन तेरा
तिश्नगी रूह की" अरु" रूह में भर गया कोई
आराधना राय "अरु"
पास से इतने कैसे निकल गया कोई
प्यास सहरा ने ना कोई देखी होगी
पूरे वज़ूद को कैसे निगल गया कोई
तबाही अब न छू पायेगी दामन तेरा
तिश्नगी रूह की" अरु" रूह में भर गया कोई
आराधना राय "अरु"
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