साभार गूगल
कौन जानें क्या कब ये बात हुई
तुझ से यूँ ही नहीं मुलाक़ात हुई
कहीं जब झूम के गाता है सावन
किसकी आँखों से ये बरसात हुई
तन पे बारिश कि कैसी छींट पड़ी
मन कि अपने आप से ये बात हुई
रंग कच्चे होते तो निकल जाते युहीं
ताउम्र ना निकले ये अज़ब बात हुई
अब के बरसात में हलचल ख़ास हुई
घर में "अरु" बिज़लियाँ मेहमान हुई
आराधना राय "अरु"
Rai Aradhana ©
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