कितना आसान है दामन छुड़ा लेना
दूसरों पे हँस के हर पल बीता लेना
किसी की चाहतों से खेलते ही रहना
किसी की उम्मीदों पे पानी फेर देना
खिलवाड़ कर दिलों को बहला लेना
ज़ख़्म पे घाव सा कर हंसते रहना
आसान है दिलों से यू खेलते ही रहना
ख़ुद को ख़ुदा सा "अरु" बोलते ही रहना
आराधना राय "अरु"
Aradhana ©
Comments