जाने कौन बात कर गया था कहीं
कैसा वादा था कर गया था कोई
बेवज़ह ही सताता रह गया था कहीं
ख़ुदा भी मुस्कुरा कर रह गया कोई
वो कौन था तेरे मेरे दरम्यां ही कहीं
हर बात पे रंज सताता रहा यू कहीं
परखा हर कसौटी पे ज़माने ने कहीं
मेरी अना ही टूटी उस परख में कहीं
बड़ी हसरतों का ज़नाज़ा उठा यू कहीं
खाक़ कर "अरु" बातें बनाता रहा कहीं
आराधना राय
Aradhana ©
------------------------------------------------
बेवज़ह- Meaning less. बिना बात
अना- -Self- respect, स्वाभिमान
दरम्यां-middle/midst/interval, in-between" in ... बीच में
तेरी मानिंद ही है, झील सा गहरा नफ़ासत वाला
इस ज़माने से ही अलग सा कहीं वो दिखने वाला
कैसा वादा था कर गया था कोई
ख़ुदा भी मुस्कुरा कर रह गया कोई
वो कौन था तेरे मेरे दरम्यां ही कहीं
हर बात पे रंज सताता रहा यू कहीं
परखा हर कसौटी पे ज़माने ने कहीं
मेरी अना ही टूटी उस परख में कहीं
बड़ी हसरतों का ज़नाज़ा उठा यू कहीं
खाक़ कर "अरु" बातें बनाता रहा कहीं
आराधना राय
Aradhana ©
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बेवज़ह- Meaning less. बिना बात
अना- -Self- respect, स्वाभिमान
दरम्यां-middle/midst/interval, in-between" in ... बीच में
तेरी मानिंद ही है, झील सा गहरा नफ़ासत वाला
इस ज़माने से ही अलग सा कहीं वो दिखने वाला
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