हमें खुद से कोई भी वास्ता क्या था
ज़िंदगी में कोई भी रास्ता ना मिला
राह लंबी थी बहुत लंबी थी ये मगर
उसको सूरज से वास्ता ना यू मिला
खोए यू कहीं खुदा अपने में हम कही
हमें अंधेरों में ही कभी रास्ता ना मिला
रूह प्यासी रही सदियों तक यू ही कहीं
इन उजालों से "अरु" वास्ता यू ही मिला
आराधना राय
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