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पिया तुम संग प्रीत ही अजब यू रचाऊँ
मीरा कान्हा कि हो यू जब हो ही जाऊँ
कहीं राधा बन कृष्णा का साथ निभाऊँ
मीरा बन कृष्णा के पास क्यों ना जाऊँ
अँखियों में सपनें भी उन के अब पा जाऊँ
तुम्हें कैसे बिसर यू अब "अरु" कहीं जाऊँ
आराधना राय
पिया तुम संग प्रीत ही अजब यू रचाऊँ
मीरा कान्हा कि हो यू जब हो ही जाऊँ
कहीं राधा बन कृष्णा का साथ निभाऊँ
मीरा बन कृष्णा के पास क्यों ना जाऊँ
अँखियों में सपनें भी उन के अब पा जाऊँ
तुम्हें कैसे बिसर यू अब "अरु" कहीं जाऊँ
आराधना राय
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