कमी ना थी
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तेरे शहर में यू तो कुछ कमी ना थी
तेरे बगैर पर मेरे पैरों में ज़मीं ना थी
तुझे ही ढूँढने राह में ही निकली थी
तझे दिल कि हालत क्यू पता ना थी
इत्मिनान था हमें कुछ यू कमी ना थी
रौशनी दिल में थी ये ज़मीं ज़मी ना थी
मुराद माँगते क्या जब कहीं कमी ना थी
ज़ख़्म दिल मे थे "अरु" शिकायत ना थी
आराधना राय
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