गुज़रा
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वक़त निकला बहलने बहलाने में जैसा भी गुज़रा
रेत पर जैसे यू ही वो हँस कर अभी अभी ही गुज़रा
वो मेरी दिल कि राह गुज़र से हो कर जब भी गुज़रा
वो मेरे जिस्म को नहीं मेरी रूह को छू कर ही गुज़रा
वो यू ही करता रहा दूर से बस प्यार कुछ मुझको
ठंडी हवा का झोंका सा वो दिल से ही हो कर गुज़रा
उसकी आँखों से देखती हूँ सारा ही ये अनछुआ ज़हान
अधूरा फ़साना थी "अरु" वो मुझे मुकम्मल कर गुज़रा
आराधना राय
वो मेरी दिल कि राह गुज़र से हो कर जब भी गुज़रा
वो मेरे जिस्म को नहीं मेरी रूह को छू कर ही गुज़रा
वो यू करता रहा डूब कर दूर से प्यार कुछ यू मुझको
ठंडी फुहार सा दिल पे यू ही वो दस्तक दे कर गुज़रा
ठंडी हवा का झोंका सा वो दिल से ही हो कर गुज़रा
उसकी आँखों से देखती हूँ सारा ही ये अनछुआ ज़हान
अधूरा फ़साना थी "अरु" वो मुझे मुकम्मल कर गुज़रा
आराधना राय
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