वक़्त के साथ हालत बदल जाते है
लोग एक दिन सब को भूल जाते है
एक हम है बातों को बताये जाते है
तेरी यादों में दिन भी लुटाये जाते हैं
तेरी यादों में दिन भी लुटाये जाते हैं
तुझ पे एतबार क्यों किये जाते है
बिना ही बात गम को पीये जाते है
बिना ही बात गम को पीये जाते है
इस बहाने ज़िन्दगी जीये जाते है
मात खुद को ही क्यों दिए जाते है
मात खुद को ही क्यों दिए जाते है
आराधना राय
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