वो जलाता रहा आँधियो में दिये
ना जाने क्यों और किसके लिए
एहसास अपने आप में कोई लिए
वो चल रहा था जाने किसके लिए
पैरों छाले और ज़ख़्म दिल में लिए
वो भरता रहा बस औरों के ही किये
वो मुरीद था तेरा ये ही बताने के लिए
क्यों बैठा है वो यू इस ज़माने के लिए
आँख में आँसू का एक बस कतरा लिए
चुप है बड़ी देर से "अरु"जाने किसके लिए
ना जाने क्यों और किसके लिए
एहसास अपने आप में कोई लिए
वो चल रहा था जाने किसके लिए
पैरों छाले और ज़ख़्म दिल में लिए
वो भरता रहा बस औरों के ही किये
वो मुरीद था तेरा ये ही बताने के लिए
क्यों बैठा है वो यू इस ज़माने के लिए
आँख में आँसू का एक बस कतरा लिए
चुप है बड़ी देर से "अरु"जाने किसके लिए
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