जब फूल किसी ने यु चुराया होगा
शाख पे क्या गुज़री जान पाया होगा
वो उदासियों में मुस्कुराया तो होगा
नाम उसके जब जुबां पर आया होगा
कोई ना कोई किसी का हम ज़ुबां होगा
किसी के अश्क का अरु कोई सिला होगा
आराधना राय
शाख पे क्या गुज़री जान पाया होगा
वो उदासियों में मुस्कुराया तो होगा
नाम उसके जब जुबां पर आया होगा
कोई ना कोई किसी का हम ज़ुबां होगा
किसी के अश्क का अरु कोई सिला होगा
आराधना राय
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