तेरी हर बात दिल पर यू ही नक़्श कर ली
तेरी खामोशियाँ भी हमने ज़ज़्ब कर ली
ज़िन्दगी ही उथल -पुथल यू ही कर ली
बात एक रोज़ बस सरेआम तुम से कर ली
खुद रुस्वा हुए और इज़्ज़त बर्बाद कर ली
यूही अंधेरों कि सौगात अपने नाम कर ली
तेरे खातिर जीते ज़ी ज़िन्दगी बेनाम कर ली
ज़िन्दगी ही उथल -पुथल यू ही कर ली
बात एक रोज़ बस सरेआम तुम से कर ली
खुद रुस्वा हुए और इज़्ज़त बर्बाद कर ली
यूही अंधेरों कि सौगात अपने नाम कर ली
तेरे खातिर जीते ज़ी ज़िन्दगी बेनाम कर ली
आराधना राय
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