सुना मुझे
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ज़िन्दगी कोई और कहानी तू सुना मुझे
भूख और प्यास कि बातें यू ना सुना मुझे
मेरे हालातों ने ही बहुत मार गिराया मुझे
अपनी क्या बात यू ही अब मैं बता दू तुझे
मेरे रोने पर क्यों ना कभी रोना आया उसे
मेरा हमदर्द था बाज़ार में ले आया वो मुझे
अपने हाथों में डोर बांध ले कर आया मुझे
मैं उसकी कठपुतली हूँ ये बताने आया मुझे
आराधना राय
ज़िन्दगी कोई और कहानी तू सुना मुझे
भूख और प्यास कि बातें यू ना सुना मुझे
मेरे हालातों ने ही बहुत मार गिराया मुझे
अपनी क्या बात यू ही अब मैं बता दू तुझे
मेरे रोने पर क्यों ना कभी रोना आया उसे
मेरा हमदर्द था बाज़ार में ले आया वो मुझे
अपने हाथों में डोर बांध ले कर आया मुझे
मैं उसकी कठपुतली हूँ ये बताने आया मुझे
आराधना राय
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