साभार गुगल इमेज़
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ढूंढते हैं तेरे निशां राह - राह में
जानती हूँ सीधे नहीं मेरे ये रास्ते
उम्मीद कि किरणे अभी पास में
कुहासे भी मिले कभी मुझे रात में
भूली -भटके ही ज़िंदगी से मिली में
आंगन बीच दिया सा बनके जली में
आराधना राय
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