ज़िन्दगी तू एक सवाल है
रोज़ ज़ीने कि वज़ह देती है
सितम पे सितम ये हुआ है
हँसी में आँख भी नम देती है
ये ख़्वाब और नग़मे देती है
ज़ीने के सलीके नए देती है
हालात यू ही जन्म नहीं लेते
लोग मर कर जी नहीं लेते
अपने काँधे पर सलीब उठा
मिलों दूर यू ही नहीं चल लेते।
आराधना
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