प्रीत
प्रेम का अटल शाश्वत रूप यही पाया
शबरी के बेर प्रभू तू ग्रहण कर आया
मीरा कि प्रीत भी दीवानी सी कर पाया
कृष्ण रूप में प्रभू ही प्रीत सीखने आया
नयन का सुख छीन क्या जगत कर पाया
प्रभू कि प्रीत लिखने सूरदास रूप ही आया
आराधना
प्रेम का अटल शाश्वत रूप यही पाया
शबरी के बेर प्रभू तू ग्रहण कर आया
मीरा कि प्रीत भी दीवानी सी कर पाया
कृष्ण रूप में प्रभू ही प्रीत सीखने आया
नयन का सुख छीन क्या जगत कर पाया
प्रभू कि प्रीत लिखने सूरदास रूप ही आया
आराधना
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