मेरा रहबर है वो बताती रही
तेरे साथ जो था जाने वाला
तन्हाई ये कौन सी बाक़ी रही
दिल को जो था जोड़ने वाला
एक फ़क़त याद ही बाकी रही
उसकी तस्वीर ये बताती रही
हर शाम को जो लुभाती ही रही
किसकी किस्मत थी बताती रही
नाज़ों नख़रे वो यू उठती ही रही
काँच सा दिल है बताती ही रही
मैं उम्र भर इंतज़ार ही करती रही
ले गया घर मेरा उठ के जाने वाला
आराधना
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