! कौशल !: संस्कृति रक्षण में महिला सहभागिता
हुजूम सड़कों पे क्यू आज तारी
वक़्त -बे वक़्त भीड़ हैक्यू ज़ारी
हाथ में मोमबत्ती लिए ये साथ
संवेदनाओं से उलझते हूए हाथ
राह में गर दिया होता कभी साथ
यू न जलते ,उलझते ये सब साथ
चीख , चीत्कार को जब सुन पाये
वक़्त पर साथ क्यू ना तूम आये
क्यों छिड़ी है जंग सड़कों पर आज
क्यों किसी बात को ना समझ पाए
नुचती रहेगी ,जलती बिखरती रहेंगी
जब कहीं कभी भी कोई देगा ना साथ
भीड़ कि आवाज़ भी ये उठती रहेंगी
जब तक ना होगी कभी न्याय से बात
आराधना
http://aradhanakissekahaniyan.blogspot.in/
हुजूम सड़कों पे क्यू आज तारी
वक़्त -बे वक़्त भीड़ हैक्यू ज़ारी
हाथ में मोमबत्ती लिए ये साथ
संवेदनाओं से उलझते हूए हाथ
राह में गर दिया होता कभी साथ
यू न जलते ,उलझते ये सब साथ
चीख , चीत्कार को जब सुन पाये
वक़्त पर साथ क्यू ना तूम आये
क्यों छिड़ी है जंग सड़कों पर आज
क्यों किसी बात को ना समझ पाए
नुचती रहेगी ,जलती बिखरती रहेंगी
जब कहीं कभी भी कोई देगा ना साथ
भीड़ कि आवाज़ भी ये उठती रहेंगी
जब तक ना होगी कभी न्याय से बात
आराधना
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