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तू *नज़्म تو

                       
beautiful, sunset, images
           तू   
तेरा होकर भी वह तेरा नहीं होता कभी
वह बेखबर है या यू ही जताते नहीं, कभी

शाम ही दीपक जले थे, यही पे कहीं

यह और बात है, तेरा इंतजार था, हमें कभी

कुछ लकीरें मेरे हाथों पर उभर आई हैं

पर तेरा नाम दिखाई नहीं देता मुझे कभी


 दर्ज़ आज भी हैं, दिल के मेरे पन्नों पर
सभी बातें, सारी रात चलती रही कहीं
    

वो अक्स आता है, आज भी याद मुझे  
मेरा वज़ूद था,जिस के हमनवा थे कभी  
   
आराधना " अना "


copyright : Rai Aradhana ©




تو

تیرا ہو کر بھی وہ تیرا نہیں ہوتا کبھی

وہ بے خبر ہے یا یو ہی جتاتا نہیں، کبھی



شام ہی چراغ جلے تھے، یہی پہ کہیں

یہ اور بات ہے، تیرا انتظار تھا، ہمیں کبھی


چند لکیریں میرے ہاتھوں پر ابھر آئی ہیں
پر تیرا نام دکھائی نہیں دیتا مجھے کبھی

نقش اذ بھی ہیں، دل کے میرے صفحات پر
تمام باتیں، ساری رات چلتی رہی کہیں

  وہ عکس آتا ہے، آج بھی یاد مجھے
میرا وجود تھا، جس کے همنوا تھے کبھی
    ارادھنا "انا"

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गीत---- नज़्म

आपकी बातों में जीने का सहारा है राब्ता बातों का हुआ अब दुबारा है अश्क ढले नगमों में किसे गवारा है चाँद तिरे मिलने से रूप को संवारा है आईना बता खुद से कौन सा इशारा है मस्त बहे झोकों में हसीन सा नजारा है अश्कबार आँखों में कौंध रहा शरारा है सिमटी हुई रातों में किसने अब पुकारा है आराधना राय "अरु"
आज़ाद नज़्म पेड़ कब मेरा साया बन सके धुप के धर मुझे  विरासत  में मिले आफताब पाने की चाहत में नजाने  कितने ज़ख्म मिले एक तू गर नहीं  होता फर्क किस्मत में भला क्या होता मेरे हिस्से में आँसू थे लिखे तेरे हिस्से में मेहताब मिले एक लिबास डाल के बरसो चले एक दर्द ओढ़ ना जाने कैसे जिए ना दिल होता तो दर्द भी ना होता एक कज़ा लेके हम चलते चले ----- आराधना  राय कज़ा ---- सज़ा -- आफताब -- सूरज ---मेहताब --- चाँद

गीत हूँ।

न मैं मनमीत न जग की रीत ना तेरी प्रीत बता फिर कौन हूँ घटा घनघोर मचाये शोर  मन का मोर नाचे सब ओर बता फिर कौन हूँ मैं धरणी धीर भूमि का गीत अम्बर की मीत अदिति का मान  हूँ आराधना