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रिश्ते बदल जाते है



साभार गूगल इमेज

नज़्म
सांसों के अहसास बदल जाते  है
रिश्ते जब अपने से बदल जाते है

खून की ज़ुबा जब खून बोलता नहीं
रिश्ते भी ज़र्द और मंद पड़ जाते है

 राह में मुसलसल  कहीं बह जाते है
छूट कर बहूत आगे दूर चले जाते है

सामने आते है तो बदल जाते है चेहरे
कभी इंसा तो कभी खुदा  बन  जाते है
आराधना 

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गीत---- नज़्म

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